अगर बनवा रहे हैं नया घर..तो बनवाए वास्तु के अनुसार

 अगर आप नया घर बनवा रहे हैं.तो कोशिश करें कि  वास्तु के अनुसार घर बने.जितना हो सके जरूर ध्यान रखें कि घर वास्तु दोष से मुक्त हो. ताकि नए घर में दुख दर्द रोग दोष के आने की कोई भी संभावना ना हो.

 कहां क्या और किस प्रकार से बनवाना. अगर आप थोड़ा सा ध्यान देंगे और समझदारी दिखाएंगे तो आप बहुत सी परेशानियों से बच जाएंगे. बस नया घर बनवाते हुए आपको ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखना है कि मेन गेट किचन  बाथरूम घर का मंदिर  आदि किस   दिशा में हो.जो भी हो सही दिशा में होना चाहिए इस बात का विशेष ध्यान रखें.

 अगर आप इन बातों के प्रति सजग होंगे तो तमाम तरह की परेशानियों से बच जाएंगे.अगर घर में वास्तु दोष नहीं होगा तो सभी ठीक होगा घर में शांति सुख समृद्धि आपसी स्नेह सब बना रहेगा.

सबसे पहले तो घर बनवाते समय मेन गेट का विशेष ध्यान रखें. क्योंकि मैंने गेट ही वह जगह है जहां से खुशियां आती और जाती है.

 मेन गेट का सही होना बहुत जरूरी है इसी प्रकार से मेन गेट की तरह ही हर चीजें अपनी जगह पर बनी होनी चाहिए. तो चलिए देखते हैं कि हमें नया घर बनाते समय क्या क्या ध्यान रखना है और कैसे क्या बनवाना है ताकि घर वास्तु दोष से मुक्त हो.

1--- मेन गेट... वास्तुशास्त्र में घर के मेन गेट यानि के मुख्य द्वार का बहुत महत्व है कहा जाता है कि अगर घर का मेन गेट वास्तु दोष से मुक्त होता है.तो उस घर में सुख समृद्धि शांति रिद्धि सिद्धि सभी घर में रहती हैं आपसी स्नेह बना रहता है.घर के सदस्य एक दूसरे का मान सम्मान करते हैं.

 आपसी तालमेल बना रहता है लेकिन अगर इसके विपरीत घर का मेन गेट वास्तु दोष से युक्त  है तो घर में मानसिक शारीरिक आर्थिक समस्या बनी रहेगी.ऐसी समस्या उत्पन्न ना हो इसलिए वास्तु के अनुसार ही मेन गेट बनवाना चाहिए. ताकि खुशियां मेन गेट के रास्ते से आपके घर में आ सके.

यह बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए जब आप मेन गेट बनवायें तो दिशा का ध्यान रखें.

 मेन गेट हमेशा उत्तर,उत्तर पूर्व,पूर्व या पश्चिम में शुभ माना जाता है इसलिए जब आप घर का मेन गेट यानी कि घर का मुख्य द्वार निकलवाए तो दिशा का अवश्य ध्यान रखें ताकि घर में धन स्वास्थ और सद्भाव आ सके तो आपका मेन गेट किधर बन रहा है किधर बनवाना है जरूर ध्यान दें.

2--- किचन... किचन  यानी कि रसोई अग्नि कोण में बनवाएं. वास्तु के शास्त्र के अनुसार घर का किचन यानी कि रसोईघर कहां बनवाना चाहिए इसका भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है. क्यों कि स्त्रियों का ज्यादा वक्त किचन  में ही गुजरता है अगर किचन में वास्तु दोष है तो उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए किचन की दिशा का भी जरूर ध्यान रखें.

 किचन के लिए घर की दक्षिण पूर्व दिशा यानी कि  आग्नेय कोण को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है दक्षिण पश्चिम में किचन कभी नहीं बनवाना चाहिए यह बड़ा वास्तु दोष माना जाता है. दक्षिण पश्चिम में बना किचन अनावश्यक खर्चे करवाता है ज्यादा खर्च जीवन में समस्या उत्पन्न करता है.इसलिए समस्याओं से बचने के लिए किचन हमेशा सही स्थान पर ही बनाएं ताकि आपका किचन वास्तु दोष मुक्त हो.

3--- सीढ़ी... वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियां हमेशा  दक्षिण या पश्चिम दिशा या दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही बनवाएं इस दिशा में सीढ़ी होना शुभ माना जाता है इससे घर में सुख शांति आती है घर में तरक्की होती है सीढ़ियों को मुख्य द्वार के सामने बनवाने से बचें.

 सीढ़ियों को उत्तर दिशा में या ईशान कोण मे नहीं होना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिशा में बनी सीढ़ियों का घर के सदस्यों पर असर पड़ता है उनके हाथ से अच्छे मौके छूट जाते हैं.आमदनी में कमी आती है दिल संबंधी समस्या भी हो सकती है.इसलिए सीढ़ी बनाते समय वास्तु का ध्यान रखें ताकि फालतू की आने वाली परेशानियों से बचा जा सके.

4--- बाथरूम और टॉयलेट... इसे भी वास्तु के अनुसार बनवाना चाहिए.बाथरूम उत्तर  या फिर उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए बाथरूम को रसोईघर या मंदिर के आसपास नहीं बनवाना चाहिए. सही दिशा में बना बाथरूम घर में नकारात्मक उर्जा से बचता  है घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.

इसलिए जब भी बाथरुम बनवायें तो दिशा का ध्यान रखते हुए उसे सही दिशा में बनवाएं. ताकि आप परेशानी से बच सके और धन और स्वास्थ संबंधी परेशानियां घर में उत्पन्न ही ना हो. तो बाथरूम वास्तु के अनुसार सही दिशा में ही बनवाएं.

5--- मंदिर...पूजा घर यानी कि घर का मंदिर कहां रखे कहां बनवाएं इसके लिए ईशान कोण यानी कि उत्तर पूर्व दिशा को सबसे सर्वश्रेष्ठ दिशा माना जाता है. ईशान कोण में बना हुआ पूजा घर..घर में सुख समृद्धि लाता है. 

 लेकिन अगर यह संभव ना हो सके तो आप मंदिर पश्चिम दिशा में रख सकते हैं या बनवा सकते हैं लेकिन दक्षिण दिशा मैं मंदिर ना तो रखे न हीं बनवाएं इस दिशा से  बचना चाहिए.

तो मंदिर रखे हैं या बनवाएं इसके लिए आप ईशान कोण की दिशा को चुने.जब आप पूजा करें तो मुख  पूर्व दिशा उत्तर.. उत्तर पूर्व में रहना चाहिए.

6--- बेडरूम...बेडरूम बनाते समय भी दिशा का ख्याल रखें.घर के मुखिया के लिए बेडरूम दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए.ऐसा होगा तो गृह स्वामी के लिए शुभ माना जाता है.

 नए शादीशुदा लोगों के लिए बेडरूम उत्तर या फिर वायव्य दिशा में होना चाहिए कुंवारी कन्याओं के लिए बेडरूम उत्तर पश्चिम दिशा में सही माना जाता है इसलिए बेडरूम बनवाते समय भी दिशा का ध्यान अवश्य रखें.

7---- खिड़कियां...मान्यताओं के अनुसार घर की खिड़कियों को वास्तु के अनुसार बनवाना चाहिए घर में खिड़कियों की संख्या सम यानी कि 2 4 6 8 10 के हिसाब से होनी चाहिए.

इन्हें हमेशा वायव्य स्थान और उत्तर पूर्व दिशा में बनाना चाहिए. इससे घर में शुभ प्रभाव पड़ता है.सही दिशा में बनी हुई खिड़कियां नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखती हैं और सकारात्मक ऊर्जा को घर में फैलाती हैं.

 धन्यवाद!!🙏🙏

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