धर्म--राम रक्षा स्त्रोत का पाठ कैसे और कब करें
श्री राम रक्षा स्त्रोत बुद्ध कौशिक ऋषि द्वारा रचित प्रभु श्री राम जी के गुणगान का स्त्रोत है.
कहा जाता है कि अगर व्यक्ति कोई मुसीबत में है तो, श्री राम जी की पूजा करके राम रक्षा स्त्रोत का नित्य पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान श्रीराम खुद उस व्यक्ति की रक्षा करते हैं.
ज्योतिष में राम रक्षा स्त्रोत का बहुत महत्त्व बताया गया है.
यह पाठ बहुत चमत्कारी और शक्तिशाली पाठ है. इसमें श्री प्रभु राम जी की स्तुति है जो उन्हें प्रसन्न करती है कुछ दिन नित्य और नियम से किया जाये तो, जल्दी इसका प्रभाव देखने को मिलता है. राम रक्षा स्त्रोत बहुत फायदा पहुंचाता है और जल्दी ही सारे काम बनाता है.
इस पाठ को कैसे करना चाहिए....
इस पाठ को सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके घर के मंदिर में बैठकर करना चाहिए. श्री राम जी की या श्री रामजी के दरबार की मूर्ति या तस्वीर सामने रख कर इस पाठ को विधिपूर्वक करना चाहिए.
पहले श्री गणेश जी की पूजा करके उनका आवाहन करें.फिर इस पाठ की शुरुआत करें. अपनी श्रद्धा अनुसार उन्हें भोग लगाएं.जब आपका यह पाठ पूर्ण हो जाए तो प्रसाद बांटे हैं.
कहा जाता है कि इस पाठ को नित्य करना चाहिए इससे सारे कष्ट दूर होते हैं.
इसका नित्य पाठ करने से व्यक्ति भय मुक्त होता है खुद श्री राम जी उसके और उसके परिवार की रक्षा करते हैं
इस पाठ को नित्य करने से इसके प्रभाव से व्यक्ति को दीर्घायु सुख समृद्धि संतान सफलता प्राप्त होते हैं. हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है.
कहा जाता है कि पूरी श्रद्धा से अगर यह पाठ किया जाए तो यह बहुत फलदाई होता है व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बन जाता है जिससे हर विपत्ति में उसकी रक्षा होती है.
इस पाठ को करने से श्रीरामजी तो प्रसन्न होते ही हैं श्री हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की रक्षा करते हैं.और इससे मंगल ग्रह का जो प्रभाव होता है दोष होता है वह भी समाप्त होता है.
इस पाठ के प्रभाव से राम जी के साथ-साथ हनुमान जी भी उस व्यक्ति की रक्षा करते हैं.
इस पाठ को नित्य नियम से करने से घर में सकारात्मकता आती है विचार अच्छे होते हैं. नकारात्मकता खत्म होती है और सुख समृद्धि घर आती है.
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